Thursday, 9 May 2019

गणतंत्र दिवस

आओ! उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई।

सदियों के खूनी संघर्षों में
पुरखों ने जान है गंवाई
अनगिनत शीषों के भाव,
आजादी हमने है पायी।

आओ उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई।

छः दिसंबर छियालीस
संविधान सभा थी बनी
तीन सौ नवासी सदस्य
राजेन्द्र जी अध्यक्ष थे भाई।

आओ उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई।

सात जन की प्रारूप सभा
भीमराव अम्बेडकर नेता बने
कोई बीमार कुछ छोड़ गये
भीम भार धरे अकेले भाई।

आओ उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई।

विश्व भरे विधान पढ़े हैं
पढ़े हैं धर्मशास्त्र सभी
परंपराऐं  सभी विचारी
सभी पर बहस करायी।

आओ उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई।

अच्छा-अच्छा ले लिया था
बुरा सभी था छोड़ दिया
अनुच्छेद तीन सौ पंचानवे
बारह अनुसूचियां हैं भाई।

आओ उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई।

दो वर्ष ग्यारह माह दिन अठारह
दिवस-रात थे भीम ने एक किये
चौबीस नवम्बर उन्चास में पूर्ण 
छब्बीस में अंगीकृत हुआ है भाई।

आओ उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई।

छब्बीस जनवरी पचास को
लागू हुआ था तंत्र हमारा
लगा तिरंगा लाल किले पर
महोत्सव पर जनता हर्षाई

आओ उत्सव मनायें हम,
ये गणतंत्र दिवस है भाई ।

लेखक
डाॅ रामहेत गौतम सहायक प्राध्यापक, डाॅ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर मप्र ।

No comments:

Post a Comment