Monday, 29 April 2019

चुंकृति

एक पंछी नवांगतुक बोल रहा है, हे गुरुवर!
कितने ही पंछी शब्द हैं पाये, मुझे भी दो वर।
मधुर मोहक चुङ्कृति छेड़ूं हर-भोर  हर-घर,
सर्वत्र फुदकूं हो चाहे मंदिर मस्जिद गिरजाघर ।।

मैंने भी है प्यार किया, बसा लिया मैने भी घर,
मेरी बीबी पेट से हुई, बनाना है मुझे अपना घर।
एक आरा उधारी में दे दो, भटक रहा हूँ दर-दर,
निकलेंगे चूजे जब अंडों से झंकृत हो उठेगा घर।।

मानता हूँ कुछ तिनके बिखरेंगे तुम्हारे आँगन में,
कुछ कुतरन, कुछ बीट और कुछ होंगे हमारे पर।
पानी पीऐंगे घिनौची का और दाने कुछ आंगन के
पर वादा है मेरे बच्चे भी फुदकैंगे तुम्हारे ही घर।।

मैं भी वही हूँ, हो जो तुम और तुम्हारे अपने भी,
एक ही है अम्बर छत तुम्हारी, है वही मेरा भी घर।
जिस हवा से हैं ज़िन्दा हम, हो उसी से तुम भी,
है एक-सा दाना-पानी हमारा और आपका गुरुवर!।।

तप रहा है सूर्य सिर पर और खुले में कौओं का डर,
मौसम आंधी-तूफानों का है और ओलावृष्टि का डर।
बच्चे-बीबी के साथ सुरक्षित रहना चाहूँ मैं तुम्हारे घर,
शरण दो, शरण दो, शरण दो, शरण दो हे गुरुवर!।।

प्रेमनारायण द्विवेदी

प्रजातंत्रे तु वैषम्यं विनाशायैव केवलम्।
अतः समत्वमादेयं जनैः प्राणपणैरिह।। कविः प्रेमनारायणद्विवेदिः

Tuesday, 23 April 2019

कली

मधूक-सी मादकता धरे और नव पल्लव सी सौम्यता,
ऐ मधुचोर भँवरे! उड़ायी कली कहाँ से तूने, ये बता।

मधूक-सी मादकता धरे और नव पल्लव सी सौम्यता,
ऐ मधुचोर भँवरे! उड़ायी कली कहाँ से तूने, ये बता।
खैर खुशी है तव खोज पूरी हुई अब मंडराना है मना,
दाम्पत्य सुख सदा स्रवित होगा, मित्र की शुभकामना।

Jai bhim sayari

Jai bhim shayari hindi


कुरान कहता है मुसलमान बनो
बाइबल कहता है ईसाई बनो
भगवत गीता कहती है हिन्दू बनो
लेकिन मेरे बाबासाहेब का
संविधान कहता है मनुष्य बनो
आंबेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं


नींद अपनी खोकर जगाया हमको
आँसू अपने गिराकर हँसाया हमको
कभी मत भूलना उस महान इंसान को
जमाना कहता हैं “बाबासाहेब आंबेडकर” जिनको
आंबेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं


जय भीम हिंदी शायरी

जब भीम थे चलते तो हजारों दिल मचलते
भीम जब रुकते तो तूफ़ान है रुक जाते
इतने काबिल थे बाबा की कभी इरादा न बदला
बाबा भीम ने तो सारा इतिहास बदल डाला.


ममता,करणा और समता जिसका है आधार हमारी उजाड़ी जिन्दगी में ला डी बाबा साहेब ने बहार हमारी आजादी की कहानी लिखी हमारे भीम ने खुशियों भरा सजाया हमारा संसार भीम ने.


मेरे भीम ने आँख खोली‚हर कोई ईन्सान बन गया।
मेरे भीम ने जुबाँ खोली‚हर कोई तुफान बन गया।
मेरे भीम ने किताब खोली‚हर कोई विद्वान बन गया।
मेरे भीम ने कलम खोली‚ और इस देश का संविधान बन गया।
अरे, इस संविधान की वजह से चाय बेचनेवाला आज प्रधानमंत्री हो गया.


हर अपने को #जयभिम कहना यहीं आदत हैं मेरी
ये ” शान “ये ” शौकत ” औ रये ” ईमान ” न होता।
☝ आज कोई इस देश मेंकिसी का ” मेहमान ” न होता!
☝ नहीँ मिल पाती ” खुशियां “हमे इस वतन में।
????अगर इस देश का संविधान✍” बाबा साहेब ” ने लिखा न होता।।


Monday, 22 April 2019

कौआ

कांव कह कर कागा कहे कागी को,
कोई कहे कर्कश कौआ कोई काना।
कोयल के कण्ठ को कहते कामुक,
कौन किसके कर्मों का कायल होता?

मैं कौआ, सुरीली कोयल का पालन हार,
मैं कौआ, बैठ मंगरे पै, मायके भेजन वार,
मैं कौआ, कनागत पुरखों का तारन हार,
मैं काकचेष्टा का उपदेशक हूँ रंग न निहार।

Monday, 15 April 2019

Hum Yuva

हम युवा हृदय से कि हम युवा बुद्धि प्रखर हम युवा पुंज प्रकाश के आओ चलें शिखर हम बुद्ध वंशज हैं बाहुबल में अशोक महावीर हम रामानुज के बंधु हैं कलाम के सतवीर हम अंबेडकर के अनुगामी गांधी के रणधीर हम पालक संविधान के भारत के संपूरक वीर हम जमीन पर नजर आसमां पर कदम सागर तीर हम ना झुकेंगे ना रुकेंगे देंगे आसमां चीरे हम युवा पीढ़ी देश की हम युवा बुद्धि प्रखर हम युवा पूंजपुर जाकर आओ चलें शिखर

आर एस एस की दृष्टि से अंबेडकर

महान आत्माएं सम्पूर्ण मानवता की होती है, मगर दुर्भाग्यवश इनके तथाकथित अनुयायी स्वयं की संकीर्णताएं जैसे देश जाति समुदाय उन पर थोपते हैं। भारत में धार्मिक एवं सामजिक नेताओं का राजनैतिक दलों ने जिस प्रकार बंटवारा किया है, वह सामान्य व्यक्ति को दुखी करता है। सरदार पटेल एवं डॉ. अम्बेडकर इनके नामों का दुरुपयोग राजनैतिक स्वार्थ के लिए धड़ल्ले से हो रहा है। तभी तो डॉ. आम्बेडकर के समर्थक कहे जाने वाले छात्र भारत विरोधी नारे लगाते हैं। समय-समय पर कबाड़खाने से निकालकर महापुरुषों की ब्रांडिग की जाती है, मगर कुर्सी पर विराजने वालों का चाल, चरित्र और चेहरा वही रहता है। शोषण से व्यथित जनता अच्छे दिनों की लालसा में नए लोगों को चुनती है, मगर नतीजे में अंतर नहीं आता।
विरासत को हड़पने के लिए विभिन्न दलों में होड़ मची है उनकी मूर्तियों का अपमान करके राष्ट्रभक्ति दिखाई जा रही है जबकि बाबा साहब ब्राम्हणों नहीं ब्राम्हणवाद के विरुद्ध थे उनकी सारी प्राथमिकताएं राष्ट्र के लिए थीं राष्ट्रभाषा संस्कृत हो इसके समर्थक थे। नोटबंदी एवं रिज़र्व बैंक उनके विचारों का परिणाम है मगर दुर्भाग्यवश उनके समर्थक एवं विरोधी अपना अपना एजेंडा लागू कर देश को तोड़ने में लगे हुए हैं। स्वार्थी अनुयायियों के आधार पर डॉ. आम्बेडकर को राष्ट्र एवं हिन्दू विरोधी तथा अंग्रेज परस्त कहा जाता है, जबकि स्वार्थी तत्व किसी के सगे नहीं होते। वह साइन बोर्ड लगाकर अपनी दुकानदारी चलाते हैं।
डॉ. अम्बेडकर का जन्म महू इंदौर में हुआ। अंग्रेजों से पराजय के बाद भारतीय समाज आत्महीनता की दशा में था। भीमराव ने छुआछूत अपमान गरीबी से लड़ते हुए मानवसेवा का व्रत लेकर आगे बढ़ते रहे। इस समय उन्हें सज्जनों से प्रेम एवं सहयोग भी मिला। इनमे अपना जाति नाम (अम्बेडकर) ब्राह्मण शिक्षक भी थे जिनके विश्वास को भीमराव ने अमर कर दिया। क्रिश्चन स्कूल में अपेक्षाकृत कम छुआछूत थी लेकिन पिता की मृत्यु के बाद गरीबी भयानक थी। गायकवाड राजा की छात्रवृति से कोलंबिया में अर्थशास्त्र के पीएचडी कर भारत वापस आने पर सेना सचिव के उच्च पद के बावजूद छुआछूत का दंश डसता रहा। बम्बई में प्रोफेसर एवं लन्दन से लॉ के बाद 1923 से वकालत शुरू की और कांग्रेस की दोहरी नीतियों को समझते हुए अंग्रेजी सहयोग से वंचित समाज को बदलने का प्रयास किया। मगर अंग्रेज उन्हें गांधी के विरुद्ध मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते थे।
अंग्रेज राष्ट्रीय आंदोलन को सवर्ण हिन्दुओं का विरोध सिद्ध करना चाहते थे। मुसलमान और सिखों के सांप्रदायिक आरक्षण के बाद दलित आरक्षण का कार्ड खेला। गांधी ने आमरण अनशन किया। तब मदन मोहन मालवीय के कहने पर डॉ. अम्बेडकर ने राजनितिक कैरियर को दांव पर लगाते हुए पूना समझौता किया। इस महान बलिदान ने अंग्रेजों के ‘दलितिस्तान’ मंसूबे को विफल कर दिया। डॉ. आंबेडकर ने मंदिर प्रवेश, सार्वजनिक जलाशय उपयोग, मजदूर एवं आदिवासी एकता जैसे जागरण एवं आन्दोलन किये। उन पर अनेक शारीरिक एवं मानसिक हमले हुए। 1935 छुब्ध होकर उन्होंने घोषना की कि मै हिन्दू पैदा हुआ हूँ पर मरूंगा नहीं।
तब इसाई एवं मुसलमानों के अनेक प्रलोभन प्राप्त होने लगे। मगर अभी भी राष्ट्रीय एकता के लिए जहां भी जरूरत हुई कार्य करते रहे। विभाजन निश्चित हो जाने पर संविधान निर्माण की बड़ी जिम्मेदारी अकेले अपने कंधे पर ले ली। संविधान निर्माण के बाद नेहरू के आग्रह पर वाणिज्य एवं विधि मंत्रालय में स्वप्नदृष्टा के रूप में मूलगामी कार्य किये। हिन्दू कोड बिल में सभी गैर मुस्लिम व ईसाईयों को हिन्दू घोषित करके सामजिक एकता को विधायी जामा पहनाया। एकलव्य की तरह बार-बार छल किया जाता रहा।
अंग्रेज एवं नेहरू के बाद अब अनुयायियों के लिए वह सत्ता की सीदी हैं। अंग्रेजों ने यदि शिक्षा के 3 लाख फण्ड को लटकाया तो नेहरू ने संविधान बनवा कर उपेक्षित कर दिया। सदन में त्याग पत्र के बाद वतव्य देने एवं लाइब्रेरी में पुस्तकें लगाने जैसे छोटे आग्रहों को भी ठुकरा दिया था, जीवन के अंतिम समय में धर्म छोड़ते समय भी उन्होंने राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखा स्वयं कष्ट सहे अपमान भोगा फिर भी राष्ट्र व संस्कृति का भला किया ईसाई या मुसलमान के रूप में परिवर्तन से होने वाली अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को निर्भीकता पूर्व पूर्वक उल्लेख किया है हिन्दू धर्म छोड़ने के 21 वर्ष पूर्व कही गई व्यथा को जिम्मेदार लोगों द्बारा उपेक्षा करने पर भी भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का अनुगमन करके महान राष्ट्रीय कार्य किया।
उन्होंने बहुसंख्यक वर्ग को गैर छत्रिय घोषित करके लड़ने के अधिकार से वंचित करना हमारी दुर्दशा का प्रमुख कारण है राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है जब लोगों के बीच जाति नस्ल रंग का अंतर भुला कर उनमे सामाजिक बंधुता को सर्वोच्च स्थान दिया जाय। मार्क्स का दर्शन है कि हिसा या बदला, जबकि बुद्ध प्रेम के द्बारा परिवर्तन चाहते थे। धर्म आत्मसंतोष व स्वभिमान की चेतना लाता है इस आध्यात्मिक प्रेरणा से ही डॉ. अम्बेडकर संचालित रहे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रमों के वह प्रशंसक थे मगर वर्ण व्यवस्था का समर्थन एवं अत्यंत धीमी गति के कारण कभी नहीं जुड़े।
अपने जीवन काल में ही समाज का अधिकतम कल्याण अपने तरीके से करना चाहते थे अम्बेडर को अलग-अलग समय में अलग-अलग लोगों ने धोखा दिया यह सिलसिला इनके निर्वाण के बाद भी निरंतर चल रहा है वह दलित समाज के अन्दर पैदा होने वाले स्वार्थी एवं शोषक तत्वों की पहचान रखते इसीलिए आरक्षण व्यवस्था की समय-समय पर समीक्षा करके क्रीमीलेयर को बाहर रखना चाहते थे’ दुर्भाग्यवश वंचित वर्गों के
लिए आरक्षित शासकीय सेवाए एवं राजनैतिक अवसर 1 प्रतिशत क्रीमीलेयर में सिमट गई यह स्वार्थी वर्ग जोर शोर से समाज में मतभेद फैलाते हैं, जबकि वंचित समाज के अधिकारों का संपूर्ण शोषण यही क्रीमीलेयर करता है और सत्ताधारियों का एजेंट बना हुआ है।
निहित स्वार्थ के लिए वंचित समाज को मूर्ख बनाये रखने के षड़यंत्र में शामिल है किसी व्यक्ति के बड़प्पन मापने का कोई सर्वमान्य आधार नहीं है पर विपरीत परिस्थिति सहयोगियों की संख्या संगठन का बल उपेक्षा छल एवं धोखे के बावजूद जनकल्याण की जिजीविषा एवं भविष्य को प्रभावित करने वाले विचार ऐसा आधार है जिस कसौटी पर देखे तो डॉ. अम्बेडकर कर्ण की तरह उपेक्षा के बावजूद अपना पौरुष प्रमाणित करते है शिव की तरह छुआ छूत का विष पी कर एकता का अमृत देते हैं, एकलव्य की तरह कपटी लोगों की शिकायत नहीं करते हैं सनयात सेन के तरह निर्वाण के बाद दिनों दिन और प्रासंगिक होकर इतिहास में लम्बी छाया के रूप में उभरते है, चम्बल की गोद में जन्मा मां भारती का लाल उपेछित बीहड़ को हरा भरा एवं जीवन से भरपूर करने के कठिन पथ पर निरंतर बह रहा है।
- एस. एन. पांडेय 
लेखक मध्यप्रदेश शासन में प्रशासनिक अधिकारी है ।

Sunday, 14 April 2019

बुद्ध वंदना

बुद्ध वंदना इतिपि सो भगवा अरहं सम्मा संबुद्धो,
पूर्व बुद्धों की भांति अर्हत्शाक्यमुनि भी बुद्ध हैं

विद्याचरण संपन्न ओं शुगर तो लोग विद्वान उत्तरों विद्याचरण संपन्न सुगत लोक विद आदित्य हैं पुरुष दम सार्थी सत्ता देवम अनुसार बुद्ध भगवती राग मोह दमन सार्थी संस्था देव मानव बोधक हैं बुद्धम जीवित पर्यंत शरणम गच्छामि जीवन पर्यंत बुद्ध की शरण में जाता हूं एज ऑफ बुद्धा तीता चर्चा बुद्धा अनागत जो बुद्ध अतीत में हुए जो बुध होने वाले हैं पशु पन्ना चाय बुद्ध वंदना में सब बताओ फिर से उत्पन्न हुए जो बुद्ध हैं सभी की वंदना करता हूं नत्थी में चरणों में शरण वरन नहीं है मेरी शरण अन्य बुद्धि है शरण वर एथेन सच्चा भजन हो तुम्हे जयमंगला इस सच वचन से हो मेरा चमन गर्ल उत्तम अंगे ना बंदे हम पादप उत्तक पंचांग वंदन करता हूं शुगर उत्तम पदों का बुद्ध योर खली तो 200 बुद्ध गौतम बुद्ध के प्रति उठा जो देश है क्षमा करें 1 इंची रत्नों के विनती विविध पूछो जो भी रत्नलोक में विद्यमान विविध स्पेशल हैं रतन बुद्धू न थी तस्मासी भवंतु में रत्न बुध समान नहीं कोई जिसमें मेरा उत्थान हो यो सनी सनोवर बोधी मूले जो गर्भवती मॉल में आसीन हुआ मार्ग सहमति विजेता मार सेना सहित जीत लिया गया संबोधन आदि अनंत यारों संबोधि को मिला अनंत ज्ञान लोगों तमा तमा में बुद्ध उस लोगों तुम बुद्ध को प्रणाम लोको तनू तनू प्रमाण बुद्ध उस लोगों तुम बुद्धू को प्रणाम लोगों तंग तंग प्रणाम गोधन उस लोगों तुम बुद्धू को प्रणाम।

Friday, 12 April 2019

भीम वाणी 7

वह काम करना ठीक नहीं जिसे करके पछताना पड़े भगवान गौतम बुद्ध पूना समझौते का उद्देश्य ऐसी विधि बनाना था जिससे अनुसूचित जातियां अपनी पसंद के प्रतिनिधि विधान मंडलों में भेज सकें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर वृद्धों की सेवा करने वाले विनय शील व्यक्ति के यह चार गुण सदा बढ़ते ही रहते हैं आयु यश सुख एवं बल भगवान गौतम बुद्ध एक बार नारायण गुरु ने अपने शिष्यों को ललकार ते हुए कहा था हमें जाति विहीन समाज का निर्माण करना है बताओ इसके लिए कौन काम करेगा जाति विहीन समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाओ सहयोग करो और इस सपने को साकार करने के लिए रात दिन एक कर दो संदर्भ नारायण गुरु सचित्र जीवनी सतनाम सिंह मेरा इस देश के बहिष्कृत लोगों से इतना ही कहना है कि वह कष्ट उठाकर भी शिक्षा ग्रहण करें अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिलाएं सभी लोग ज्ञान प्राप्त करें इसी शिक्षा से वे अपने मानव अधिकारों की रक्षा कर सकेंगे अपने मान सम्मान की रक्षा कर सकेंगे जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्थान कर सकेंगे अंध विश्वास और अंधविश्वास से लड़ने की ताकत भी हमें शिक्षा और ज्ञान से ही प्राप्त हो सकती है नारायण गुरु जैसे कि पानी की एक एक बूंद से घड़ा भर जाता है वैसे ही धीरे थोड़ा थोड़ा भी उनका काफी संचय कर लेता है भगवान गौतम बुद्ध बुद्ध धर्म के सांस्कृतिक आंदोलन को कुनबा धूमिल करने के लिए ब्राह्मणों ने भगवान बुद्ध को विष्णु का अवतार बना डाला यह षड्यंत्र पागलपन के सिवाय कुछ नहीं बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर कठोर वचन मत बोलो ताकि दूसरे भी तुम्हें वैसा ना बोले भगवान गौतम बुद्ध जो कुछ भी दुख हमें होता है वह सब कृष्णा के कारण होता है भगवान गौतम बुद्ध मोर ग्रस्तों के लिए सब और अज्ञान का तम ही दम है अंधों के लिए सब और अंधकार ही अंधकार है भगवान गौतम बुद्ध जैसा अनुशासन आप दूसरों पर थोपना चाहते हैं वैसा ही अपने ऊपर भी करो भगवान गौतम बुद्ध चरित्र और मानवता के बगैर एक शिक्षित इंसान पशु जैसा है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आप अपने नाथ स्वयं हैं दूसरा कौन आपका नाथ स्वामी हो सकता है भगवान गौतम बुद्ध जैसे कोई बच्चा पहली पहली बार चलने के प्रयास में गिर जाता है किंतु फिर आसानी से उठ खड़ा होता है और चलने लगता है ठीक उसी प्रकार व्यक्ति को तर्क बुद्धि के साथ सोचने में संकोच नहीं करना चाहिए पेरियार ई वी रामास्वामी स्वर्ण मुद्राओं की वर्षा होने पर भी अतृप्त मनुष्य को विषयों से तृप्ति नहीं होती भगवान गौतम बुद्ध ।

भीम वाणी 6

जाति से ना कोई ब्रुसेल शुद्ध होता है और ना कोई ब्राह्मण कर्म से ही ब्रुसेल होता है और कर्म से ही ब्राह्मण भगवान गौतम बुद्ध क्रोधी को ज्ञानी जन मित्र और शहर सभी छोड़ देते भगवान गौतम बुद्ध किसी को धोखा नहीं देना चाहिए और ना किसी का अपमान करना चाहिए भगवान गौतम बुद्ध विश्व के समस्त प्राणियों के साथ असीम मैत्री की भावना बढ़ाए भगवान गौतम बुद्ध पैसों के समायोजन की छूट ना देने से अधिकतर बेरोजगारी फैलती है जिसका सीधा कारण जाति प्रथा है जो हमारे देश में मौजूद है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पैर से वह कभी शांत नहीं होते अगर प्रेम से ही बेर शांत होते हैं यही शाश्वत नियम है भगवान गौतम बुद्ध सच्चा मित्र वही है जो दूसरों के बहकावे में ना आकर फूट का शिकार ना बने भगवान गौतम बुद्ध सत्य ही अमृतवाणी है एहसास वर्धन में है भगवान गौतम बुद्ध अच्छी तरह छाए हुए मकान में वर्षा का पानी सरलता से प्रवेश नहीं कर पाता ठीक उसी प्रकार शुभा वित्त सधे हुए चित्र में राग का प्रवेश नहीं हो सकता भगवान गौतम बुद्ध मैं अपने धर्म के 2 सिद्धांतों के प्रति अनन्य आस्था व्यक्त करता हूं हमारा यह देश आशावाद का साकार रूप है हमारी यह जाति श्रेष्ठ जाति है बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्व में ऐसा कोई उपक्रम उपाय नहीं है जिससे कि प्राणी जन्म लेकर नाम आ रहे हैं भगवान गौतम बुद्ध सील सदाचार की सुगंध सबसे श्रेष्ठ होती है भगवान गौतम बुद्ध जन्म के साथ ही मनुष्य के मुंह में कुल्हाड़ी जीव पैदा होती है अज्ञानी दुर बचन बोल कर उसे अपने आप को ही काट डालता है भगवान गौतम बुद्ध वह काम करना ठीक नहीं जिसे करके पछताना पड़े भगवान गौतम बुद्ध

भीम वाणी 5

शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है अतः शिक्षा के दरवाजे प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए खुले होने चाहिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सच्चे लोगों के राजा आरक्षण के जनक और शिक्षा के प्रचारक इन्हीं की वजह से डॉक्टर बी आर अंबेडकर को हम महामानव भारतरत्न के रूप में पहचान पाए ऐसे छत्रपति शाहूजी महाराज को कोटि कोटि प्रणाम डॉक्टर अंबेडकर तो विद्वानों में एक अलंकार हैं वह आपके समाज में ऐसे ही हैं आप लोगों को उनका आभारी होना चाहिए आप ने अपना नेता खोज लिया है इसलिए आपको बधाई मुझे विश्वास है कि अंबेडकर ही आप लोगों का कल्याण करेंगे एक समय ऐसा भी आएगा जब वे सारे देश के नेता होंगे आखिर विजय उसी की होती है जो चुपचाप सहन करना जानता है भगवान गौतम बुद्ध हम जो सोचते हैं वह बन जाते हैं तथागत गौतम बुद्ध शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचती पहुंचने चाहिए शिक्षा सस्ती से सस्ती हो जिससे निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी शिक्षा प्राप्त कर सके डॉ भीमराव अंबेडकर जाति मत पूछो कर्म पूछो लकड़ी में भी आग पैदा हो जाती है भगवान गौतम बुद्ध अतीत को लेकर समय नष्ट ना करो और ना भविष्य के सपने देखो अपना मस्तिष्क सिर्फ वर्तमान में लगाओ भगवान गौतम बुद्ध जो मनुष्य अपनी जाति और गोत्र का गर्व करता है अपने ज्ञाती जनों का बंधु बांधव ओं का अपमान करता है वह उसकी अवनति का कारण है भगवान गौतम बुद्ध दरिद्र व्यक्ति यदि कर्ज लेकर भोग विलास में पड़ जाता है तो वह नष्ट हो जाता है भगवान गौतम बुद्ध महान प्रयत्नों के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जाति से ना कोई सूत्र होता है और ना कोई ब्राह्मण कर्म से ही ब्रुसेल होता है और कर्म से ही ब्राह्मण भगवान गौतम बुद्ध

Bhim Vani

मैं रातभर इसलिए जागता हूं क्योंकि मेरा समाज सो रहा है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संसार के सुंदर पदार्थ ही काम नहीं है मन में राग का हो जाना ही व्यस्त रहा काम है भगवान गौतम बुद्ध मनुष्य का मापदंड उसका गुण होता है जन्म नहीं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मानव ही नहीं इस दृष्टि में सभी प्राणियों का महत्व है भगवान गौतम बुद्ध हे मनुष्य तुम शेर के सामने जाते समय भयभीत ना होना यह बहादुरी की परीक्षा है भगवान गौतम बुद्ध हे मनुष्य तुम तलवार के सामने जाते समय भयभीत ना होना यह त्याग की कसौटी है भगवान गौतम बुद्ध हे मनुष्य तुम पर्वत शिखर से पाताल में कूदते हुए भयभीत ना होना यह तब की कसौटी है भगवान गौतम बुद्ध हे मनुष्य तुम बढ़ती ज्वाला ओं के सामने जाते समय भयभीत ना होना यह स्वर्ण परीक्षा है यह भगवान गौतम बुद्ध हे मनुष्य लेकिन शराब से सदा भयभीत रहना क्योंकि यह बुराई गरीबी और दुराचार की जननी है भगवान गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के दो महत्वपूर्ण गुण मैत्री और प्रज्ञा शील हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर श्रद्धा पुरुष का साथी है प्रज्ञा उस पर नियंत्रण करती है भगवान गौतम बुद्ध आप गरीब हो इसलिए अछूत नहीं हो आप अछूत हो इसलिए गरीब हो गरीब तो ब्राह्मण भी होता है क्या समाज में उन्हें छुआछूत अन्याय अत्याचार करने की कोई हिम्मत करता है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अच्छे काम करने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होती है हर तरक्की की कीमत अदा करनी पड़ती है और जो लोग इसके लिए त्याग करते हैं उन्हें तरक्की के लाभ मिलते हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ऊपर उठने वालों में विद्या सबसे श्रेष्ठ है गिरने वालों में अयोध्या सबसे बड़ी है भगवान गौतम बुद्ध शिक्षा शेरनी का दूध है जो इसे पिएगा वह दहाड़े गा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजनीतिक सत्ता वह मास्टर चाबी है जिसके प्रत्येक ताले की ताले को खोला जा सकता है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मारने वाले को मारने वाला मिलता है जीतने वाले को जीतने वाला मिलता है भगवान् गौतम बुद्ध ।

भीम वाणी 4

विद्या वनमती कई मति वन नीति गई नीति विना गती गेली गती वर्धन गया धन में चोदते हुए इतना घोर अनर्थ मात्र अयोध्या के कारण ही हुआ राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले चीटियों को शक्कर डालने वाले तथा मनुष्यों को पानी से भी प्यासा मारने वाले लोग पाखंडी हैं उनका साथ ना करो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जिसे जानबूझकर झूठ बोलने में लज्जा नहीं है उसके लिए कोई पाप कर्म करनी है नहीं है भगवान गौतम बुद्ध के बल जिंदा रहने की कोई कीमत नहीं इंसान इज्जत के साथ जी रहा है या नहीं इस बात का महत्व है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हजार तलवारों से ज्यादा ताकत एक कलम में होती है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर मरने वाले के पीछे पीछे पुत्र स्त्री धन और राज्य कुछ भी तो नहीं जाता है भगवान गौतम बुद्ध दुखियों के आंसू पहुंचने के लिए तुम्हारे नेत्रों में हमेशा स्नेह भरा हो दीन दुखियों की सेवा करने के लिए तुम्हारे हृदय में प्यार हो तथा संकट ग्रस्त लोगों की रक्षा के लिए तुम्हारी भुजाएं सदा तत्पर रहें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर यदि बाबासाहेब आंबेडकर ना होते तो इस देश को गणतंत्र दिवस का भी नसीब नहीं होता धन से यश नहीं मात्र खुशामद खरीदी जा सकती है भगवान गौतम बुद्ध मैं राजनीति में सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि अपने सभी दबे कुचले भाइयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आज ही अपने कर्तव्य कर्म में जुट जाना चाहिए कौन जानता है कल मृत्यु ही आ जाए भगवान गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म संत ब्रह्म ज्ञान का मूल सांग सारा देख सभी वैदिक मत प्रतिकूल स्वामी अछूतानंद वचनामृत पुस्तकों के साथ शांति में जीवन बिताने के सिवाय अन्य कोई आनंद नहीं पुस्तकें मुझे सिखाती हैं नया मार्ग दिखाती हैं इसलिए मुझे आनंद देती हैं डॉक्टर अंबेडकर थोड़े वैसे भी जो दान किया जाता है वह हजारों लाखों के दान की बराबरी करता है भगवान गौतम बुद्ध मैं रातभर इसलिए जागता हूं क्योंकि मेरा समाज सो रहा है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर।