Friday, 12 April 2019

भीम विचार 3

संसार में मूर्खों की संख्या सदा ही अधिक रही है भगवान गौतम बुद्ध सभी मनुष्य एक ही मिट्टी के बने हैं उन्हें यह अधिकार भी है कि वे अपने साथ अच्छे व्यवहार की मांग करें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आती जाती है समस्याओं के बिना आप ना तो राजनीतिक सुधार हिला सकते हैं और ना ही आर्थिक क्रांति कर सकते हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सील से प्रज्ञा होती है प्रज्ञा से सील प्रचलित होता है भगवान गौतम बुद्ध आवश्यक धन बल हमें स्वयं ही जुटाना चाहिए यदि वह दूसरों से प्राप्त किया तो उनकी दबाव में काम करना पड़ेगा 23 फरवरी 1941 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मैंने सम्राट अशोक के भारत का सपना देखा है आपने इस काम को पूरा करने में मेरी मदद करनी है मान्यवर कांशी राम मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया मान्य कांशी राम जी पहले धन धरती को बांटो फिर आरक्षण को काटो माननीय कांशीराम यदि बौद्ध धर्म को आगे बढ़ाना है तो जाति को बौद्ध धर्म से दूर रखना जरूरी है माननीय श्री राम मनुष्य को जीने के लिए खाना चाहिए यह समाज के लिए जीना चाहिए बाबासाहेब आंबेडकर शराब तत्काल धन की हानि करती है कल को बढ़ाती है रोगों का घर है अभ्यास पैदा करने वाली है जा का नाश करने वाली है और बुद्धि को दिल बनाती है मनुष्य को जीने के लिए खाना चाहिए और समाज के लिए जीना चाहिए डॉ भीमराव अंबेडकर संविधान चाहे कितना ही अच्छा हो यदि उसको लागू करने वाले अच्छे नहीं हैं तो संविधान निश्चय ही बुरा साबित होगा और यदि संविधान कितना भी बुरा क्यों ना हो यदि उसे लागू करने वाले अच्छे लोग हैं तो संविधान अच्छा साबित होगा साहब भीमराव अंबेडकर जो काम पढ़ने के समय पर सहायक होता है वही सच्चा मित्र है भगवान गौतम बुद्ध धर्म मनुष्य के लिए है मनुष्य धर्म के लिए नहीं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद भी यदि हम अछूत दलित पीड़ित ही रहते हैं तो ऐसी स्वतंत्रता हमारे किस काम की गोलमेज कांफ्रेंस लंदन बुरे कर्म करने वाला चाहे तीर्थों में कितनी भी डुबकी लगाए किंतु विशुद्ध नहीं हो सकता भगवान गौतम बुद्ध जिस घर में प्रशिक्षित होता है उस घर में एक ही सदस्य शिक्षित होता है परंतु जिस घर में महिला शिक्षित हो जाती है उस घर में सारा परिवार शिक्षित हो जाता है राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले sansar mein mujhko kissing 622 kar rahi hai bhagwan kasam buddha bhim na sake it ke gane hai sab theek thaak hai

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