Tuesday, 25 May 2021

लोकतन्त्र के चार दरबाजे

लोकतन्त्र के चार दरबाजे
फूले-फले तई भीतर लोक। जगावनहार जब-जब बिके,
तन्त्र तहस-नहस सब लोक।

No comments:

Post a Comment