TATHAGAT
Tuesday, 25 May 2021
गांव का दलित जीवन
गांव का दलित जीवन।
कहानीकार कहानी समझें,
गद्यकार समझें गद्य है यह,
छंद लेखकों समझो छंद है
यह वृत्त दलितों का फंद है।
सदा मनमानी सहो इनकी,
भीड़ में सामिल रहो इनकी,
जे लड़ें तब साथ रहो इनके,
आतंक में जीते रहो इनके।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment