कौशलमादरं धत्ते, साधय सततं नु त्वम्। नूतनशिक्षणस्तब्धः, स्तब्धः जयस्य निश्चितम्।।
कौशल ही आदर पाता है, सतत् कौशल को साधिये। नया नया सीखना रुक जाने पर विजय का रुकना तय है। रामहेतगौतमः
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