🌹वृहद - स्तंभ - लेख🌹
🌹वृहद - स्तंभ - लेखों की कुल-संख्या-सात
है -
🔹संख्या सात है,
🔹यानी सात-राजाज्ञाऐं हैं ।
🔹सात स्थानों पर प्राप्त होने से संख्या सात
नहीं है,
🔺जैसेकि लघु-सिलालेखों की संख्या दो है, व
🔺वृहद-सिलालेखों की संख्या चौदह है,
🔸लेकिन समस्त-लेख विभिन्न स्थलों पर पाये
जाते हैं ,
🔺ऐसे ही वृहद-स्तंभ-लेखों की संख्या सात है।
❤समस्त स्तंभ-लेख प्राय: -
🔹मध्य-देश, जम्बूदीप में पाये जाते हैं ।
🔸ऐसा लगता है कि -
🔹सम्राट असोक अपने मध्य-देश के नागरिकों
से व्यक्तिगत संवाद स्थापित करना चाहते हैं।
🔹इस दृष्टिकोण से यह स्तंभ-लेख,
हिन्दी-भाषी-क्षेत्र के लोगों के लिए
महत्वपूर्ण हैं ।
🎯 वृहद-स्तंभ-लेखों के प्राप्ति स्थल : --
🔸1. लौरिया-नन्दनगढ़, बेतिया -
- प्रथम-छह-राजाज्ञाऐं ।
🔸2. लौरिया-अरेरज, बेतिया -
- प्रथम-छह-राजाज्ञाऐं ।
🔸3. रामपूरवा, बेतिया -
- प्रथम-छह-राजाज्ञाऐं ।
🔸4. इलाहाबाद किला, इलाहाबाद-
- प्रथम-छह-राजाज्ञाऐं ।
🔸5. दिल्ली - मेरठ, दिल्ली -
- प्रथम-छह-राजाज्ञाऐं ।
🔸6. दिल्ली - टोपरा-यमुनानगर, दिल्ली -
- समस्त सात-राजाज्ञाऐं ।
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टिप्पण : -
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1. स्तंभ - 1, 2, 3, आज भी अपने मूल स्थान पर स्थापित हैं ।
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2. स्तंभ - 4 , मूल रूप से कोसाम्बि में स्थापित था लेकिन शहंशाह-ए-हिंद जलाल-उद्-दीन मोहम्मद अकबर ने इस स्तंभ को कौसाम्बि से विस्थापित कर अपने बनवायें गये इलाहाबाद किले में इसे स्थापित करा दिया था, आज भी यह स्तंभ यमुना किनारे इलाहाबाद के किले में स्थापित है ।
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3. स्तंभ - 5 यह स्तंभ मूल रूप से मेरठ में स्थापित था लेकिन दिल्ली का सुलतान फ़िरोज-शाह-तुग़लक ने इस स्तंभ को मेरठ से विस्थापित कर अपनी शिकार-गाह दिल्ली में स्थापित करा दिया था, आज भी यह स्तंभ इसी स्थल पर बारा-हिन्दु-राव-अस्पताल परिसर में स्थापित है ।
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4. स्तंभ - 6 यह स्तंभ मूल रूप से टोपरा, यमुना-नगर, हरियाणा में स्थापित था लेकिन दिल्ली का सुलतान फ़िरोज-शाह-तुग़लक ने इस स्तंभ को टोपरा से विस्थापित कर अपने बनवायें गये कोटला-किला दिल्ली में इसे स्थापित करा दिया था,
🔸आज भी यह स्तंभ इसी स्थल -
🔹किला-फ़िरोज-शाह-कोटला दिल्ली पर
स्थापित है ।
🔸केवल यही एक मात्र ऐसा स्तंभ है जिस पर सातों-राजाज्ञाऐं लिखी हुई हैं ।
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5. स्तंभ-लेख रहित स्तंभ भी भारत के कई स्थलों से प्राप्त हुऐ हैं, जोकि असोक-कालीन ही हैं ।
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6. भगवान् तथागत गोतम बुद्ध से संबन्धित स्थलों पर व तथागत गोतम बुद्ध से पूर्व के बुद्ध से संबन्धित स्थलों पर भी स्तंभ-लेख प्राप्त हुए हैं, लेकिन यह स्तंभ-लेख सांची-स्तूप-स्तंभ-लेख
की भांति बौद्ध-भिक्खु-भिक्खुणी उपासक/उपासिका को संबोधित हैं या बुद्ध स्थलो पर करायें गये कार्यों का उल्लेख करते हैं ।
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7. कुछ असोक-कालीन क्षत-विक्षत स्तंभों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं । यह भी दो प्रकार के हैं कुछ पर लेख के अंश प्राप्त होते हैं (जैसेकि अमरावती स्तुप, गुंटूर, आंध्र-प्रदेश) व कुछ अवशेष लेख रहित हैं ।
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