Friday, 25 October 2019

भीम संकल्प🌹

🌹🌹भीम संकल्प🌹🌹
       
        वो ग्यारह दिन
बाबासाहेब का संकल्प
   23 सितम्बर 1917
संकल्प दिन यानी संकल्प भूमि
जब बाबा साहेब अम्बेडकर बड़ौदा मे थे उन्हें बहुत ही अपमान सहन करना पड़ा सिर्फ जाति की वजह से क्यूंकि वे महार थे इस  वर्ण-व्यवस्था ने बाबा साहब को बहुत ही अपमानित किया
बाबा साहब को रहने के लिए मकान भी नही दिया गया था वहां के चपरासी बाबासाहब की फाईल फेक दिया करते थे पानी पीने का मटका भी अलग रख दिया करते थे ओर बाबा साहेब जब लायब्रेरी मे पढ़ने के लिए आते तब लायब्रेरी मे गौ मुत्र छिड़क  दिया करते थे ।रहने के लिए बाबासाहेब को कोई मकान तक किराये पर नही मिला तब बाबासाहेब विवश होकर एक पारसियों के धर्मशाला में झूठ  बोलकर रहना पड़ा कि वे ईसाई हैं लेकिन एक दिन उन्होंने बाबासाहेब के गले में ईसाईयों का लाकेट न देखकर बाबासाहेब को घर से निकाल दिया और उनका सामान भी फेंक दिया । इतना अपमान सहने के बाद बाबा साहब ने सोचा कि मै
इतना पढ़ा लिखा होने के बावजूद
भी मुझे इतना अपमान सहन करना पड़ रहा है तो मेरा समाज तो अनपढ़ है तो उनका क्या होगा उसी समय बाबा साहब ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और हमारे लिए एक संकल्प लिया कि मैं मेरे  समाज को इस गुलामी से आजाद ना कर दूं तब तक मे नौकरी नही करूंगा ।
अगर इस काम मे असफल रहा तो मै खूद को गोली मार लूंगा।
23 सेप्टम्बर 1917  हमे भूलना नही चाहिए अगर बाबा साहेब ने हमारे लिए संकल्प नही लिया होता तो सोंचो हमारा क्या होता आज हमारी समाज के लोग सूट बूट में हैं रेलवे मे जाने के लिए रिजर्वेशन है फ्लाईट मे सफर करते है घर के आगे टु थ्री फोरविलरस है अच्छा बंगला है अच्छी नौकरियां  है किस की वजह से सिर्फ और सिर्फ  डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर जी के वजह से दोस्तो अगर बाबा साहेब ने हमारे लिए संकल्प नही लिया होता तो ना हमारा कोई अस्तित्व होता ना कोई वजूद होता आज हम सब बाबा साहब की वजह से इस  भारत देश मे जिन्दा हैं और आजाद है आबाद है एक इंसान ने करोड़ों लोगों का सपना पूरा किया लेकिन करोड़ों मिलकर भी उस इन्सान का  सपना पूरा नही कर पाये सोंचने वाली बात है क्यूं कि हमारा समाज व्यस्त है  गणपति मे व्यस्त नवरात्री मे व्यस्त रहेगा ओर दिवाली मे इंज्वॉय करेगा हमें शर्म आती हैं  बाबा साहब कि  हम सब मिलकर भी आपका सपना पूरा नही कर पाये क्यूं कि हम लोग हमारे परिवार मे व्यस्त है
बुद्धमय भारत प्रबुद्ध भारत   
     चलो बुद्ध की ओर
एक कदम धम्म की ओर
शिक्षा शेरनी का वह  दूध है
जो पियेगा वो दहाड़ेगा
शिक्षित बनो  संगठित हो और संघर्ष करो ।
जय भीम नमो बुद्धाय
जय संविधान जय भारत
जय मुलनिवासी जय बहुजन
       जय एकता जिंदाबाद

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