इन्तजार करते करते कली का, पत्ता सख्त होकर पीला पड़ गया। कली का यौवन छलका ही था, हवा के एक झटके में पत्ता झड़ गया।
पलाश शाखा शैय्या पर, कली काली हो आती है धीरे से घूँघट खोलती है तो पत्ते फुर्र हो जाते हैं।
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